राजेश राज बने भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य
नई दिल्ली |जयमंगला काबर फाउंडेशन के अध्यक्ष और दूरदर्शन न्यूज़, दिल्ली के सीनियर पॉलिटिकल जर्नलिस्ट राजेश राज को भारत सरकार के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है।इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री ललन सिंह होंगे, जबकि राज्य मंत्री और आगरा के सांसद प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
समिति में कई सांसद और साहित्यकार शामिल
समिति में लोकसभा के सांसद प्रभुभाई बसावा और कार्तिक चंद्रपाल, वहीं राज्यसभा से नरेश बंसल सहित चार सांसदों को सदस्य बनाया गया है।पत्रकार एवं साहित्यकार श्रेणी में राजेश राज के साथ प्रसिद्ध साहित्यकार हरिओम शर्मा, राजेंद्र मिलन और श्रुति सिन्हा के नाम शामिल किए गए हैं।सरकारी प्रतिनिधियों में मंत्रालय के सचिव, अपर सचिव, वित्तीय सलाहकार, पशुपालन आयुक्त और संयुक्त सचिव भी समिति के सदस्य होंगे।
समिति की भूमिका
हिंदी सलाहकार समिति का मुख्य उद्देश्य राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित नीति के तहत मंत्रालयों के कामकाज में हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सुझाव देना है।
राजेश राज ने जताया आभार
भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य बनाए जाने पर राजेश राज ने केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल का आभार व्यक्त किया है।उन्होंने इस उपलब्धि को अपने दिवंगत बाबा डॉक्टर मेघन गोप और पिताजी को समर्पित करते हुए कहा कि—“यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि संपूर्ण बेगूसराय और बिहार का है। जिस तरह राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर भी गृह मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य रहे थे, उसी परंपरा को आगे बढ़ाना गर्व की बात है।”
बेगूसराय से दिल्ली तक की पहचान
बेगूसराय जिले के मंझौल निवासी राजेश राज पिछले दो दशकों से दूरदर्शन न्यूज़ में संसद से जुड़ी खबरों की रिपोर्टिंग कर रहे हैं। वे बिहार के विशेषज्ञ पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं और अब तक सात विधानसभा चुनावों की रिपोर्टिंग कर चुके हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान
पत्रकारिता के साथ-साथ राजेश राज सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने मंझौल (बेगूसराय) में जयमंगला महोत्सव की शुरुआत की थी, जो अब बिहार का लोकप्रिय सांस्कृतिक आयोजन बन चुका है।इस महोत्सव में देश के पूर्व राष्ट्रपति और तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे, जबकि पद्म विभूषण डॉ. शारदा सिन्हा ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध किया था।
राजेश राज के प्रयासों से बेगूसराय को राष्ट्रीय सांस्कृतिक पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका रही है।